सुप्रीम कोर्ट में आवारा कुत्तों पर सुनवाई: नई तीन-न्यायाधीशों की विशेष पीठ गठित

सुप्रीम कोर्ट में आवारा कुत्तों के मामले पर नई विशेष पीठ की सुनवाई

स्थानीय निकायों की ‘निष्क्रियता’ चर्चा के केंद्र में; कोर्ट ने कहा—मामला बंद नहीं, फिलहाल केवल तात्कालिक आदेशों/स्टे पर विचार होगा

  • स्वत: संज्ञान (suo motu) मामला नई तीन-सदस्यीय पीठ को सौंपा: न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एन.वी. अंजरिया।
  • विशेष पीठ आज सूचीबद्ध चार याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है/करेगी।
  • कोर्ट: “मामला आज बंद नहीं हो रहा; फिलहाल केवल तात्कालिक आदेश या स्टे के सवाल पर विचार।”
  • वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने डॉग पिक-अप पर रोक (stay) और जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा।
  • कोर्ट ने पूछा—“ऑर्डर तो कल शाम अपलोड हुआ था, फिर अभी से कुत्ते कैसे उठाए जा रहे हैं?”; सिब्बल: “प्रशासन ने शुरू कर दिया है।”
  • बहस का केंद्र: स्थानीय निकायों की ‘निष्क्रियता’ और क्रियान्वयन की स्थिति।

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों से जुड़े स्वत: संज्ञान मामले को नई गठित तीन-न्यायाधीशों की विशेष पीठ के पास स्थानांतरित कर दिया। अब यह पीठ—जिसमें न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एन.वी. अंजरिया शामिल हैं—मामले में सूचीबद्ध चार याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आज मामला बंद नहीं किया जा रहा है। बेंच फिलहाल केवल यह देख रही है कि क्या तत्काल कोई अंतरिम आदेश या स्टे आवश्यक है। इस बीच, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने डॉग पिक-अप पर तत्काल रोक लगाने और संबंधित पक्षों को जवाब दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की।

कोर्ट ने यह भी गौर किया कि आदेश कल शाम ही अपलोड हुआ था, फिर भी स्थानीय अधिकारियों द्वारा कुत्तों को उठाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई—इस पर बेंच ने सवाल किया। सिब्बल ने बताया कि जमीनी स्तर पर यह कार्रवाई शुरू हो चुकी है। बहस के दौरान स्थानीय निकायों की ‘निष्क्रियता’ और समन्वय की कमी भी चर्चा का विषय रही।

कोर्ट की अहम टिप्पणियाँ

  • “यह मामला आज बंद नहीं हो रहा; हम केवल तात्कालिक आदेश/स्टे की आवश्यकता पर विचार कर रहे हैं।”
  • “ऑर्डर कल शाम अपलोड हुआ था—फिर आज से उठाव कैसे शुरू हुआ?”

याचिकाकर्ता पक्ष की दलीलें
कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि बिना पर्याप्त दिशानिर्देश, निगरानी और जवाबदेही के डॉग पिक-अप से अव्यवस्था और अधिकारों के उल्लंघन की स्थिति बन सकती है। उन्होंने अंतरिम रोक और विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की ताकि सभी पक्षों का पक्ष समुचित रूप से रिकॉर्ड पर आ सके।

पृष्ठभूमि
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ती शिकायतों और सार्वजनिक चिंताओं के बीच सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया था। मामले का उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा, पशु कल्याण और स्थानीय निकायों की जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाना है। नई विशेष पीठ अब उठे कानूनी और प्रशासनिक प्रश्नों पर आगे की राह तय करेगी।

आगे क्या

  • विशेष पीठ सूचीबद्ध चार याचिकाओं पर सुनवाई के बाद तात्कालिक आदेश/स्टे पर निर्णय ले सकती है।
  • अगले चरण में कोर्ट स्थानीय निकायों के क्रियान्वयन, दिशानिर्देश और जवाबदेही तंत्र पर भी स्पष्ट निर्देश दे सकती है।
  • आधिकारिक आदेश उपलब्ध होते ही कार्यवाही की अगली तारीख और निर्देश स्पष्ट होंगे।

FAQs
प्र. क्या सुप्रीम कोर्ट ने मामला आज बंद कर दिया?
उ. नहीं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मामला बंद नहीं हो रहा; फिलहाल केवल तात्कालिक आदेशों/स्टे पर विचार किया जा रहा है।

प्र. बेंच में कौन-कौन न्यायमूर्ति हैं?
उ. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एन.वी. अंजरिया की तीन-सदस्यीय विशेष पीठ।

प्र. कपिल सिब्बल ने क्या मांगा?
उ. डॉग पिक-अप पर तत्काल रोक (stay) और पक्षकारों को जवाब दाखिल करने के लिए समय।

प्र. क्या प्रशासन तुरंत कुत्तों को उठा सकता है?
उ. इस पर अंतिम निर्णय कोर्ट के तात्कालिक आदेशों/स्टे के अनुसार होगा। कोर्ट ने पूछा कि आदेश कल शाम अपलोड होने के बावजूद उठाव कैसे शुरू हुआ।

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